जन संस्कृति मंच गया द्वारा मुनवर राणा पर एक शोक सभा हुई
Rakesh Kumar
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जन संस्कृति मंच गया जिला इकाई के बैनर तले फिक्शन हाउस गेवाल बिगहा में मुनवर राणा पर एक शोक सभा हुई, जिसकी अध्यक्षता मशहूर शायर मरगूब असर फातेमी ने की और निजामत अहमद सगीर ने की ।आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में अहमद सगीर ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि मुनवर राणा की शायरी की खूबी यह है कि वे जिस विषय को अपनी कविताओं के सांचे में ढालते हैं उसे बड़ी निर्भीकता और निर्डता के साथ प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद अलीशा मलिक और आरजू परवीन ने मुनवर रीना की गज़लें सुनाई ।डॉ. नुजहत परवीन ने मुनवर राणा की कविताओं का पाठ किया, मीम नाजिश ने  मुनवर राणा पर नज़म पेश की,फिरदौस ग्यावी ने मुनवर राणा के विचार और कला पर मजमून पढ़ा, सुनील कुमार ने मुनवर राणा को धरती का कवि बताया, जबकि हरिंदर गिरि शाद ने मुनवर राणा को जन कवि बताया, महताब आलम महताब और नौशाद  नादान ने मुनवर राना पर कुछ कविताएं प्रस्तुत कीं ।मुनवर राणा की शान में कुछ कविताएं पढ़ीं डॉ. आफताब आलम अतहर ने उनकी शायरी पर रौशनी डाली,कनीज फातिमा और तरनुम आरा ने मुनवर  राणा के व्यक्तित्व और कला पर प्रकाश डाला जबकि नदीम जाफरी ने मुनवर राणा पर अपनी कविता पढ़ी तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। फैज़ानूर रहमान ,अबदुल बारी , मेराज गनी ने मुनवर राना पर अपनी राय रखी। अंत में अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत करते हुए मरगुब असर फातेमी ने अपनी राय व्यक्त की, उनहोंने कहा कि मुनवर राना  की शायरी आम और खास दोनों को प्रभावित करती है। अहमद सगीर के धन्यवाद  के साथ शोक सत्र समाप्त हुआ।




रिपोर्ट : राकेश कुमार

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