गया डीएम ने अंग्रेजों द्वारा स्थापित जेल प्रेस का किया निरीक्षण, सरंक्षण के लिए सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
Rakesh Kumar
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जिला पदाधिकारी गया डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा लगभग 6 से 7 एकड़ में फैले हुए बंद पड़े सरकारी जेल प्रेस के जमीन एवं दुर्लभ मशीनों का जायजा लिया।
          सन 1914 में ढाका से अभिबाजीत बंगाल में अंग्रेज सरकार के द्वारा जेल प्रेस की स्थापना की गई थी। 1914 में बिहार को यह सरकारी प्रेस मिला, जिसमें सभी तरह के सरकारी प्रपत्रों का छपाई किया जाता था। अंग्रेज के शासन के बाद उपकरणों को आधुनिकीकरण नहीं हो पाया।
          वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा सरकारी जेल प्रेस जो अंग्रेज के जमाने के हैं, जो लगभग 100 साल 150 साल पुराने एवं दुर्लभ मशीने है। उसे फिर से रंगाई पुताई कर करके इन दुर्लभ मशीनों, जो विरासत की चीजों को संरक्षित रखने के लिए म्यूजियम बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजी जा रही है।



          निरीक्षण के क्रम में कई मशीनें पर डेट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग तथा डेट ऑफ कंट्री भी अंकित है, जिसमें देखा गया कि वर्तमान से डेढ़ सौ साल पुराने मशीन जो, मेड इन रशिया, मेड इन इंग्लैंड, मेड इन जर्मन अंकित है।
          जिला पदाधिकारी ने करीब 1 घंटे तक पूरे परिसर के दुर्लभ सभी एक एक कर  मशीन को घूम घूम कर जायजा लिया एवं उपस्थित कर्मचारी से जानकारी प्राप्त किया। जिला पदाधिकारी ने काफी खुशी जाहिर किया कि इतने दुर्लभ मशीन अंग्रेज के शासनकाल के समय का यह सब मशीन को आगे के पीढ़ियों को दिखाने के लिए इसे संरक्षित रखना अति आवश्यक है। यह सभी चीजें हमारी विरासत की चीजें हैं। इन्हें हर हाल में संरक्षित रखना आवश्यक है। निरीक्षण के क्रम में अपर समाहर्ता मनोज कुमार भी मौजूद थे।

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